best hindi story Secrets
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उसके अम्मी – अब्बू ने बकरी के बच्चे का सौदा सलीम से कर दिया।
जब पाकिस्तान के पागल बिशन सिंह को उसके गांव टोबा टेक सिंह से निकाल कर हिंदुस्तान भेजा जाता है तब वह दोनों देशों की सरहद पर मर जाता है.
(एक) "किरन! तुम्हारे कानों में क्या है?" उसके कानों से चंचल लट को हटाकर कहा—"कँगना।" "अरे! कानों में कँगना?" सचमुच दो कंगन कानों को घेरकर बैठे थे। "हाँ, तब कहाँ पहनूँ?
एक सेक्स वर्कर की कहानी- 'मेरे पहुंचने से पहले वो ड्रग्स ले रहे थे, मुझे लगा मैं बच नहीं पाऊंगी'
एक दिन चुनमुन ने बच्चों को उड़ना सिखाने के लिए कहा।
उसकी आंखों से आंसुओं की धारा बह रही थी। काफी प्रयत्न कर रही थी, किंतु वह रस्सी से बंधी हुई थी।
कालिया ने शेरू को रोटी खाता हुआ देख जोर से झटका और रोटी लेकर भाग गया।
कोई भी पाठक, जैसे ही इस कहानी को पढ़ना शुरू करता है वो इसकी विवरणात्मकता और व्यंजना के जादू से बंध कर रह जाता है.
By way of this Hindi fiction book, Munshi Premchand provides a vivid and sensible portrayal of rural everyday living, presenting readers a glimpse to the intricate web of human emotions and societal buildings in early twentieth-century India. The novel stands as being a timeless vintage, Discovering the themes of morality, sacrifice, and the quest for dignity amidst a backdrop of agrarian struggles.
एक राजा और उसका मंत्री बहुत अच्छे मित्र थे। वे हमेशा साथ रहते थे। उनकी तरह, उनके बेटे भी एक साथ बड़े हुए और बहुत करीबी दोस्त बने । एक दिन दोनों शिकार पर गए। रास्ते में उन्हें बहुत प्यास लगी और वे थक गए इसलिए उन्होंने एक पेड़ के नीचे आराम करने का फैसला किया। मंत्री का बेटा पानी की तलाश में गहरे जंगल में चला गया। एक झरने के पास पहुँचकर उसने एक सुंदर परी को देखा। लेकिन परी के पास एक शेर बैठा था। उसने धीरे से झील से कुछ पानी निकाला और अपने दोस्त के पास वापस लौट आया।
भुवाली की इस छोटी-सी कॉटेज में लेटा,लेटा मैं सामने के पहाड़ देखता हूँ। पानी-भरे, सूखे-सूखे बादलों read more के घेरे देखता हूँ। बिना आँखों के झटक-झटक जाती धुंध के निष्फल प्रयास देखता हूँ और फिर लेटे-लेटे अपने तन का पतझार देखता हूँ। सामने पहाड़ के रूखे हरियाले में कृष्णा सोबती
गाय को अपनी ओर आता देख सभी लड़के नौ-दो-ग्यारह हो गए।
Impression: Courtesy Amazon To start with revealed in 1927, this Hindi fiction e book is really a poignant exploration of social issues and human emotions in early twentieth-century India. The story revolves within the protagonist, Nirmala, a youthful and innocent bride who will become a target of societal norms, customs, as well as prevailing patriarchy. Premchand skillfully weaves a narrative that delves to the severe realities confronted by Women of all ages in the conservative society. Nirmala’s journey is marked by tragedy, as she navigates with the complexities of a dysfunctional relationship, societal anticipations, and the troubles of getting a lady in that era.